पता है क्यों ? क्योंकि मेरे पास तुम हो। पता है क्यों ? क्योंकि मेरे पास तुम हो।
जीता इनाम हमने.. इक गीत के सहारे...। जीता इनाम हमने.. इक गीत के सहारे...।
शाम यूँ ही नहीं तड़प रही जो इस तन्हा दिल की आरजू ए कशिश है। शाम यूँ ही नहीं तड़प रही जो इस तन्हा दिल की आरजू ए कशिश है।
कुछ कहने से क्या रुक जाती वह एक बार जिंदगी जो नसीब से रुठ चली। कुछ कहने से क्या रुक जाती वह एक बार जिंदगी जो नसीब से रुठ चली।
क्या खता की दास्ता सुनये ये दिल तू... चल भूल जा ये दिल। क्या खता की दास्ता सुनये ये दिल तू... चल भूल जा ये दिल।
हर बात पे सवाल है निगाह मैं हर साथ पे क्यों शिकवा है। हर बात पे सवाल है निगाह मैं हर साथ पे क्यों शिकवा है।